लेखनी कहानी प्रतियोगिता -04-Dec-2022 दूल्हा वापस ना आया
विषय-मंगलसूत्र
शीर्षक-दूल्हा वापस ना आया
यह कहानी अभिषेक और वाणी की है। वाणी एक सुशील सुंदर पढ़ी-लिखी लड़की थी लेकिन वह गरीब परिवार की लड़की थी। उसके पापा मजदूर थे ।वाणी स्कूल में अध्यापिका थी। वाणी के पिता को वाणी की शादी की फिकर लगी रहती थी।
कुछ समय के बाद
1 दिन वाणी के लिए एक रिश्ता आता है लड़का ऊंचे खानदान का था पढ़ा लिखा था लेकिन समझदारी बिल्कुल भी नहीं थी।
लड़के के पापा लड़की के घर आते हैं। लड़की को देखकर खुश हो जाते हैं और उसे अपने घर की बहू बनाने के लिए तैयार हो जाते हैं।
लेकिन अभिषेक का परिवार बहुत ही लालची था। लड़की को देखकर सगाई तय कर देते हैं।
कुछ महीनों के बाद
अभिषेक के पिता राघव जी अपनी मांग रखते हैं कि हमें ₹200000 नगद चाहिए। नहीं तो, हम शादी नहीं करेंगे। लड़की के पिता राजन इस बात को सुनकर स्तंभ हो जाता है। लेकिन जैसे तैसे कर्ज लेकर₹200000 दे देता है।
अपनी बेटी की खुशी के लिए वह सब कुछ करने को तैयार था। वाणी की शादी 7 दिसंबर को तय हो जाती है। एके सुहागन होने का बहुत मन में सपने सजा रखे थे मंगलसूत्र सोलह सिंगार में वे सजना चाहती थी अपने पति की संगिनी बनना चाहती।
तभी वाणी के द्वार पर बारात आती है। वाणी के साथ शादी हो जाती है और अनुराग उसे मंगलसूत्र पहना कर अपना बना लेता है।
जैसे ही वाणी विदा होती है तभी राघव जी अपनी मांग रखते हैं और कहते हैं हमें दहेज में 2 तोला सोना और ₹200000 नगर दीजिए तभी हम वाणी को घर लेकर जाएंगे। आपकी बेटी आपके घर में कंलक बनकर रह जाएगी। बोलिए आपको क्या मंजूर है?
वाणी के पिता यह सुनकर स्तंभ हो जाते हैं और समझ नहीं पाते। वह
उनके आगे अपने हाथ पैर जोड़ते हैं लेकिन अपनी मांग से नहीं मुकर ते। अभिषेक को बहुत समझाते हैं लेकिन अभिषेक चुप रहता है।
तभी उनकी बेटी वाणी बोली पापा मुझे यह शादी नहीं करनी जो घर लालची और दहेज मांगता हूं ऐसा घर मुझे कभी नहीं चाहिए मैं कुंवारी रह सकती हूं लेकिन ऐसे लालची के घर कभी नहीं जाऊंगी।
तभी वाणी अपने सोलह सिंगार उतार देती है और मंगलसूत्र अभिषेक के हाथ में थमा देती हैं।
वाणी कहती है जिस दिन तुम्हारी राय बदल जाए उस दिन का मैं इंतजार करूंगी और तुम्हारा यह मंगलसूत्र तुम्हें सोपती।
लड़के वाले और बारात सभी वापस घर लौट जाती है।
आज भी वाणी अभिषेक का इंतजार कर रही है वह आएगा और मुझे मंगलसूत्र पहनायेगा।
शिक्षा-आज भी दहेज के कारण कई लड़कियां अपनी मम्मी के घर जा जिंदा ही जला दी जाती है। इस कुरूती को अब समाप्त करना होगा और समाज में जागरूकता लानी होगी।जिस से किसी लड़की का घर बर्बाद ना हो। एक पिता अपनी बेटी की चिंता में ना टूटे ऐसी जागरूकता हमें लानी होगी।
Gunjan Kamal
04-Dec-2022 11:13 PM
यथार्थ चित्रण
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